हम एक पल भी ( तरीका लफ्जो का )
तुम न सही , , तुम्हारी यादो के सहारा बैठे है
तुम ना आती तो क्या होता
तुम चली जाती तो क्या होता
ये सोच बस किनारा करे बैठे है
तुम न सही , तुम्हारी यादो के सहारे बैठे है
कम्बख्त मसले बहोत हुए ,,
तुम्हारे मेरे प्यार के ⥺
जो बुझ जाए उस दीपक के सहारे बैठे हैं
अंधरे में इस लौ के दीपक को ,,
एक रिश्ते से जलाये बैठे है
तुम मिल सको ये आरज़ू नहीं
तुम्हे पाने की ख्वाइश रहेगी
तमन्ना दिल की
बस बताने की कोशिश रहेगी। ..
तुम न मिली ये गम नहीं
बस तुम्हे पाने की ख्वाइश रहेगी
(अमित तिवारी )
Wow...kya hua gav me koi pasand aa gyi kya
ReplyDeleteNhi
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