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बिना उसके...

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बिना उसके... कुछ यूँ एक पल सा हुआ  तुम मिले तो सही लेकिन पर भल के लिए  आज सिमटा मुसाफिर तुम्हे याद कर रहा  बस बरसात का इजहार कर रहा। ..  अब तुम थोड़ा ज्यादा याद आती हो  थोड़ी देर के लिए सनम पर अब काम मुस्कुराती हो  तुम्हारी वो बात अब याद नहीं रही  तुमसे  मुलाक़ात अब मुलाक़ात नहीं रही                                                     🔰(अमित तिवारी) 🔰 सर्वश्रेष्ठ  दूसरी पोस्ट देखने के लिए निचे लिंक पर क्लिक करे👇👇 1) वो मुझे भूलने की कोशिश  2) तुमने कब्र का इंतज़ाम कर लिया। 3) वफ़ा का रंग 4) इंसान कम यहाँ तो किरायदार मिलते है 5) ये नुमाइश मोहब्बत की

यूँ जो हमसे घंटो बाते करते हो .... SHAYARI IN HINDI

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कहीं दूर बैठी हो.....   पास नहीं मेरे ....  पर मजबूर बैठी हो  यूँ जो हमसे घंटो बाते करते हो  मुश्किलों में देख....  फ़िक्र किया  करते हो  कहीं तेरी तबियत का इलाज तो नहीं  कहीं मैं  ........ तुम्हारा ..  प्यार तो नहीं।  अब जो धीरे  से मुस्कुराने लगे हो  छुप छुप  के...  शर्माने लगे हो। ......  कभी देखते नहीं  थे  जो तुम आइना  अब  तुम उसपे घंटो बिताने लगे हो  कहीं तेरी तबियत का इलाज तो नहीं  कहीं मैं  ........ तुम्हारा प्यार तो नहीं  सर्वश्रेष्ठ  दूसरी पोस्ट देखने के लिए निचे लिंक पर क्लिक करे👇👇 kharab hum hai - shayari dil pagal hai - shayari अब नामंजूर .. न कर... मेरा हर खत ..... SHAYARI IN HINDI ये नुमाइश मोहब्बत की

अब नामंजूर .. न कर... मेरा हर खत ..... SHAYARI IN HINDI

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 नामंजूर ..  न कर...   मेरा हर खत .....  तुझे देखने को...  हर  वक़्त लिखता है  और न मिलती श्याही हमारी  ..... और न मिलती श्याही हमारी  लेकिन खत का हर पन्ना गुलाबी हुआ करता है  हम मिल भी जाएँ तो क्या होगा ग़मों के बदल तो तब भी आएंगे ......  न मसला उठेगा इस बात का सब छोड़ बस  इंतज़ार रहेगा   वो कहानी जो तुमने अधूरी छोड़ी थी  उसे पूरा करने को दिल बेक़रार रहेगा 

बड़ी मजबूर है वो - शब्द मेरी कलम से ......(shayari)

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 बड़ी मजबूर है वो -  राह चलते मुसाफिर की दास्ताँ   बड़ी मजबूर है वो  पर मैं भी कुछ कम नहीं  तेरे मेर बीच क्या गम कुछ कम नहीं  ये दर्द है इसे मजबूरी का नाम न दे  कुछ तूने भी किया होगा  हर बात का मुझपे इल्जाम न दे  बड़ी देर है मुझे समझने में अभी  इन परेशानियों की रूह........  मैं अकेला तो  नहीं   राह मुश्किल अब हो गई तो क्या  वक़्त के इस तराजू में गम कुछ मेरे भी कम नहीं                                                                             ( AMIT TIWARI ) सर्वश्रेष्ठ  दूसरी पोस्ट देखने के लिए निचे लिंक पर क्लिक करे👇👇 kharab hum hai - shayari dil pagal hai - shayari

तुमने कब्र का इंतज़ाम कर लिया।......(new shayari +poem) read it

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अब तो मिलता नहीं वक़्त हमें  खुद को पहचानते नहीं , खुद को इतना आम कर लिया  एक ही दाग था उसके दामन में   हमने उस दाग को भी अपने नाम कर लिया  पर्दा तो रखा ही नहीं सरेआम कर लिया  नूर मिला नहीं और रंगो का  इंतज़ार कर लिया  अब उस शख्स का दुनिया में बड़ा नाम है  हमने जिसके लिए खुद को बदनाम कर लिया  अब तो देखता ही नहीं की ज़माने से क्यों हट गए बादल  लोग महलों में है और तुमने कब्र का इंतज़ाम कर लिया।.......  सोर्स -int सर्वश्रेष्ठ  दूसरी पोस्ट देखने के लिए निचे लिंक पर क्लिक करे👇👇 1) falsafa lamho ka 2) https://mynewprogresss.blogspot.com/2020/03/samaj-ki-sachchai-padhe-jarur.html 3) https://mynewprogresss.blogspot.com/2020/03/padhe-jarur.html 4) https://mynewprogresss.blogspot.com/2020/03/hamare-smaaj-or-jiwan-ki-sachchai.html 5) https://mynewprogresss.blogspot.com/2020/03/kuch-shabd-meri-kalam-se.html

दिल की ज़ुबान …. !!

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जब भी , दिल की ज़ुबान , सुनते हैं , ख़्वाब फिर , कुछ नये से , बुनते हैं ! रात भर , देख देख , तारों को , तभ भी , लाखों में एक , चुनते हैं ! टूटा ग़र , तारा , आसमां से कभी , अपनी आँखों के , तारे , गिनते हैं ! ग़र चुभें , आँखों में , टूटे तारे कभी , पलकों से , आँसुओं को , बिनते हैं ! ग़र हुई , तार तार , रूह भी कभी , रूई हसरत की , फिर से , धुनते हैं !