भुला आशिक़ (lost lover)
भुला आशिक़
चांद बन ज़माने को झूठा बताती थी
धीरे से मुझे देख वो शर्माती थी
समझता था जिसे मैं अपने लिए शरारत
वो तो किसी और की बात बताती थी
टूट कर मोतियों की तरह
तुझे माला हमने बनाया था
समझकर चाँद जसको
सीने से तुझे लगाया था
दूर कर मुझे ,,
अनजान बताती थी वो
टुटा मैं नहीं मेरा मुकद्दर था
बहा आंसू नहीं एक समंदर था
रोया मैं नहीं मेरा मुकद्दर था
काफिर हूँ राह का
तुझे अब पाना है
लेके दिल अपना
बस अपना बनाना है
मन कहता है तू फिर मुस्कुराएगी
भूलकर सबकुछ मुझे अपना बनाएगी
दिल तोड़ा है मेरी जान नहीं ली
देखना तू फिर वापस आएगी
🔱अमित तिवारी 🔱
चांद बन ज़माने को झूठा बताती थी
धीरे से मुझे देख वो शर्माती थी
समझता था जिसे मैं अपने लिए शरारत
वो तो किसी और की बात बताती थी
टूट कर मोतियों की तरह
तुझे माला हमने बनाया था
समझकर चाँद जसको
सीने से तुझे लगाया था
दूर कर मुझे ,,
अनजान बताती थी वो
टुटा मैं नहीं मेरा मुकद्दर था
बहा आंसू नहीं एक समंदर था
रोया मैं नहीं मेरा मुकद्दर था
काफिर हूँ राह का
तुझे अब पाना है
लेके दिल अपना
बस अपना बनाना है
मन कहता है तू फिर मुस्कुराएगी
भूलकर सबकुछ मुझे अपना बनाएगी
दिल तोड़ा है मेरी जान नहीं ली
देखना तू फिर वापस आएगी
🔱अमित तिवारी 🔱
Lines 🔥
ReplyDeleteThank u dear.
ReplyDeleteGreat line Amit
ReplyDeletethank u yarr
DeleteNice line
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