तुम और,गैरो से हस हस के बात कर लेती (shab meri kalam se) short shyari
वक़्त के पहले तराजू जैसी हो
कल थी जैसी ,,आज भी वैसी हो
की
तुम्हे मानाने में ये सितम भी खाना था
वहां वहां भी गए,, जहाँ न जाना था
तुम और ,,गैरो से हस हस के बात कर लेती
हमें पता है मकसद हमें जलना था। ....
🔰(अमित तिवारी)🔰
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1)वो मुझे भूलने की कोशिश
2)तुमने कब्र का इंतज़ाम कर लिया।
3)वफ़ा का रंग
4)इंसान कम यहाँ तो किरायदार मिलते है
5)ये नुमाइश मोहब्बत की
1)वो मुझे भूलने की कोशिश
2)तुमने कब्र का इंतज़ाम कर लिया।
3)वफ़ा का रंग
4)इंसान कम यहाँ तो किरायदार मिलते है
5)ये नुमाइश मोहब्बत की
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