न मिल सके वो दुआ मत करना...शब्द मेरी कलम से (short shayari)
किसी को दिल से चाहना , बुरा तो नहीं
इजहार ए इश्क़ , खता तो नहीं......
गुनाह है ज़माने में बेशक..
तो क्या हुआ......
ज़माने वाले भी इंसान है
खुदा तो नहीं.....
और न मिल सके वो दुआ मत करना
मिलने की उससे खता मत करना
अगर ढूंढ भी ले खुदा उसको
तो पल में हंसकर दगा मत करना
🔰(अमित तिवारी)🔰
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1)वो मुझे भूलने की कोशिश
2)तुमने कब्र का इंतज़ाम कर लिया।
3)वफ़ा का रंग
4)इंसान कम यहाँ तो किरायदार मिलते है
5)ये नुमाइश मोहब्बत की
इजहार ए इश्क़ , खता तो नहीं......
गुनाह है ज़माने में बेशक..
तो क्या हुआ......
ज़माने वाले भी इंसान है
खुदा तो नहीं.....
और न मिल सके वो दुआ मत करना
मिलने की उससे खता मत करना
अगर ढूंढ भी ले खुदा उसको
तो पल में हंसकर दगा मत करना
🔰(अमित तिवारी)🔰
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1)वो मुझे भूलने की कोशिश
2)तुमने कब्र का इंतज़ाम कर लिया।
3)वफ़ा का रंग
4)इंसान कम यहाँ तो किरायदार मिलते है
5)ये नुमाइश मोहब्बत की
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