चलते सब अकेले है........ (hamare smaaj or jiwan ki sachchai )

कुछ इस तरह  उस फ़क़ीर ने
जिंदगी की मिसाल दी

 हांथो में धूल ली 
        और हवा में उछाल दी'.... 

बड़ी अजीब दुनिया के मेले है
दिखती भीड़ है
  पर चलते सब अकेले है........ 

                    राह में हर कोई आता है 
                   पर साथ कोई नहीं निभाता है..... 






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