अब तो मिलता नहीं वक़्त हमें खुद को पहचानते नहीं , खुद को इतना आम कर लिया एक ही दाग था उसके दामन में हमने उस दाग को भी अपने नाम कर लिया पर्दा तो रखा ही नहीं सरेआम कर लिया नूर मिला नहीं और रंगो का इंतज़ार कर लिया अब उस शख्स का दुनिया में बड़ा नाम है हमने जिसके लिए खुद को बदनाम कर लिया अब तो देखता ही नहीं की ज़माने से क्यों हट गए बादल लोग महलों में है और तुमने कब्र का इंतज़ाम कर लिया।....... सोर्स -int सर्वश्रेष्ठ दूसरी पोस्ट देखने के लिए निचे लिंक पर क्लिक करे👇👇 1) falsafa lamho ka 2) https://mynewprogresss.blogspot.com/2020/03/samaj-ki-sachchai-padhe-jarur.html 3) https://mynewprogresss.blogspot.com/2020/03/padhe-jarur.html 4) https://mynewprogresss.blogspot.com/2020/03/hamare-smaaj-or-jiwan-ki-sachchai.html 5) https://mynewprogresss.blogspot.com/2020/03/kuch-shabd-meri-kalam-se.html
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