काफिर - चंद लाइन फौजी भाइयो के लिए (indian army)

तू लम्हो सा मुसाफिर बन जा 
खो जाए वो काफिर बन जा 
मिल सके ऐसी दुआ करना 
खामोश रहने की आदत बन जा  

 कदम भी  लड़खड़ाते है 
धरती भी कंपकपाती है 
लहू बनके  सीने पे जब देशभक्ति आती है 




(फ़ौज को समर्पति )- by  self 

                                                 

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